सोमवार, मार्च 20

राहों को रोशन करे जिनकी ख़ुशबू

राहों को रोशन करे जिनकी ख़ुशबू 


जान-जान कर भी जाना नहीं जाता 

जो किसी परिभाषा में नहीं समाता, 

इक राज है जो आज तक खुल न पाया 

है ख़ुद में ख़ुदा पर नज़र कहाँ आता है !


अपना अहसास भी दिलाए जाता है 

फिर भी स्वयं को छिपाए जाता है, 

कभी यह तो कभी वह बनकर जगत में 

दिल को सदियों से लुभाए जाता है !


तू है तो हम हैं सदा इतना यक़ीन 

सहज कृपा के दिए दिल में जलते हैं, 

राहों को रोशन करे जिनकी ख़ुशबू 

हर कदम अकीदत के फूल खिलते हैं !




6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 21 मार्च 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. तू है तो हम हैं सदा इतना यक़ीन
    सहज कृपा के दिए दिल में जलते हैं,
    राहों को रोशन करे जिनकी ख़ुशबू
    हर कदम अकीदत के फूल खिलते हैं !
    ..... बहुत ही सुंदर भाव। सराहनीय रचना।

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  3. फूल खिलते रहें. खुशबू देते रहें.
    अभिनन्दन, अनीता जी.
    नवसंवत्सर शुभ हो. नमस्ते.

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