आज राजभाषा दिवस है
यानि हिंदी दिवस
हिंदी अर्थात करोड़ों की मातृभाषा
और उनसे अधिक की बोलचाल की भाषा,
सोचने, लिखने-पढ़ने की भाषा,
स्वप्नों की भाषा
दिल की गहराई में बसने वाली,
दिल को छूने वाली भाषा!
पंत, निराला और प्रेमचंद की भाषा,
जैनेंद्र, इलाचंद्र जोशी और नरेंद्र कोहली की भाषा,
उन जैसे हज़ारों कवियों और लेखकों की
कविताओं और कहानियों की भाषा,
हर भाव को वक्त करने की क्षमता रखने वाली भाषा,
प्यार और तकरार की भाषा,
मनुहार और दुलार की भाषा,
लच्छेदार मुहावरों वाली भाषा,
अनूठी कहावतों और सूक्तियों की भाषा,
व्यंग्य और हास्य की भाषा,
खुसरो की मुकरियों से लेकर नवगीत की भाषा,
अमर गीतों और भजनों की भाषा,
राष्ट्र भाषा का दावा करती तथा कथित राजभाषा !
चुलबुली सी, अल्हड़ नदी सी बहती जाती,
तट से अन्य भाषाओं के कुछ मोती चुनती उदार भाषा,
लोरियों और लोकगीतों की भाषा,
भारत को हर ओर से बाँध कर रखने वाली भाषा !
माँ संस्कृत के ह्रदय के निकटस्थ भाषा,
देशज, रूढ़ और विदेशी शब्दों को आत्मसात करने वाली भाषा !
शुभकामनाएं हिंदी दिवस की |
जवाब देंहटाएं