रविवार, अक्तूबर 15

माँ प्राण का आधार भी है


माँ प्राण का आधार भी है 

 

जो थामती है हर विपद में 

 दे ज्ञान दीपक पथ दिखाती,

माँ प्राण का आधार भी है 

  रात्रि बनकर  विश्राम देती !


सौंदर्य की देवी कहाए

इस जगत को आकार देती, 

शिव से मिलन की प्रेरणा दे 

ले कर स्वयं कैलाश जाती !


अपार ऊर्जा धारे देवी 

 दर्शन परम अनंत कराती, 

 जगत दात्री बनी सिद्धि रिद्धि

निःशंका जो सदा विचरती !


महातपस्विनी जगत माता  

पराम्बा, जया, महायोगिनी, 

शिव प्रिया,  अंबा, महागौरी 

जगत तोषिणी दिव्यतोषिणी !


14 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 16 अक्टूबर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. आप ने लिखा.....
    हमने पड़ा.....
    इसे सभी पड़े......
    इस लिये आप की रचना......
    दिनांक 16/10/2023 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की जा रही है.....
    इस प्रस्तुति में.....
    आप भी सादर आमंत्रित है......


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  3. जो थामती है हर विपद में
    दे ज्ञान दीपक पथ दिखाती,
    माँ प्राण का आधार भी है
    रात्रि बनकर विश्राम देती !
    अत्यंत प्रभावित करने वाली रचना 🙏

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  4. शारदीय नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं सखी माता रानी की बहुत ही सुन्दर स्तुति लिखी आपने

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