मिलन
जो ख़ुशबू बन साथ चला है
उस से ही हर ख़्वाब पला है
जीवन का जो सार दे रहा
वही मधुर आधार दे रहा
सीधा-सच्चा जिसका पथ है
मिट जाती हर इक आपद है
सारे शब्द दूर जा बैठे
सुरति जहाँ दिल में आ पैठे
गुंजन कोई गूँज रही है
शुभ प्रकाश की नदी बही है
यामा-दिवस भेद मिटता है
चारों याम मिलन घटता है
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार प्रियंका जी !
हटाएंMujhe pata nahi Yama Divas kya hota hai, par aapki kavita bahut sundar hai!
जवाब देंहटाएंयामा का अर्थ रात्रि है, दिवस का दिन, स्वागत व आभार !
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