आया सितम्बर
आया सितम्बर
लाया वर्षा की बौछार
बस कुछ कदम दूर है
जन्माष्टमी त्योहार !
वही, अपने कन्हैया का जन्मदिन
जिसे मनाते हैं आधी रात
सोचें जरा, था आधुनिक
वह द्वापर में भी
ठीक बारह बजे
जन्मदिवस मनाने की
चलायी थी परिपाटी !
सितम्बर लिए आता
गणपति बप्पा को भी
और कैसे भला भूलें
भगवान विश्वकर्मा का अवतरण दिवस
मिल मनाते कारीगर
भर अंतर में हुलस !