छोटा सा जीवन यह सुंदर
थम
कर पल दो पल बैठें हम
होने
दें जो भी होता है,
रुकने
का भी है आनंद
चलना
तभी मजा देता है !
स्वयं
ही चलती रहतीं श्वासें
जीवन
भीतर धड़क रहा है,
जिसने
सीखा है विश्राम
दौड़
लगाना व्यर्थ हुआ है !
छोटा
सा जीवन यह सुंदर
अल्प
जरूरत है इस दिल की,
काफी
से भी ज्यादा पाया
कुदरत
सदा बांटती रहती !