क्रिसमस उसकी याद दिलाता
क्रिसमस उसकी याद दिलाता
जो भेड़ों का रखवाला था,
आँखें करुणा से नम रहतीं
मन जिसका मद मतवाला था !
जो गुजर गया जिस घड़ी जहाँ
फूलों सी महकीं वे राहें,
दीनों, दुखियों की आहों को
झट भर लेती उसकी बाहें !
सुन यीशू के उपदेश अनोखे
भीड़ एक पीछे चलती थी,
भर अधिकार से कहते थे वह
चकित हुई सी वह गुनती थी !
नहीं रेत पर महल बनाओ
जो पल भर में ही ढह जाते,
चट्टानों पर नींव पड़ी तो
गिरा नहीं सकतीं बरसातें !
यहाँ मांगने से मिलता है
खोला जाता है यह द्वार,
ढूंढेगा जो, पायेगा ही
प्रभु लुटाने को तैयार !
कितने रोगी स्वस्थ हुए थे
अनगिन को दी उसने आशा,
तूफानों को शान्त किया था
अद्भुत थी जीसस की भाषा !
प्रभु के प्यारे पुत्र कहाते
जन-जन की पीड़ा, दुःख हरते,
एक बादशाह की मानिंद वे
संग शिष्यों के डोला करते !
जो कहते थे, पीछे आओ
सीखो तुम भी मानव होना,
हूँ पुत्र प्रिय परमेश्वर का
मैं जानता मार्ग स्वर्ग का !
संकरा है वह द्वार प्रभु का
उससे ही होकर जाना है,
यीशू ने जो बात कही थी
आज
उसे ही दोहराना है !