नया वर्ष आने वाला है
शब्दों में यदि
पंख लगे हों
उड़ कर ये तुम तक
जा पहुँचें,
छा जाएँ इक सुख
बदली से
भाव अमित जो
पल-पल उमगें !
एक विशाल लहर
सागर सम
अंतरिक्ष में नाद
उमड़ता,
हुआ तरंगित कण-कण
भू का
आह्लाद अम्बर तक
फैला !
आगत का स्वागत
करने को
उत्सुक हैं अब दसों दिशाएं,
करें सभी शुभ
अभिलाषा जब
कंठ कोटि मंगल
ध्वनि गायें !
हर पल मन अभिनव
हो झूमे
नित नूतन ज्यों
भोर सँवरती,
बाँध सके नहीं
कोई ठौर
कहाँ कैद कुसुमों
में सुगन्धि !