रिश्ता इक अद्भुत बन जाता
शिक्षा, शिक्षण तथा प्रशिक्षक
मानवता के पावन रक्षक,
कोरे मन पर लिखें इबारत
बन जाते हैं वही परीक्षक !
समुचित सम्मति देते शिक्षक
सही-ग़लत का भेद बताते,
लक्ष्य प्राप्त कर लें जीवन का
विद्यार्थियों को पथ सुझाते !
श्रेष्ठता का वरण करें सदा
माध्यम भी नैतिक अपनायें,
गुण-कमियों का करे आकलन
शिष्य का मस्तिष्क पढ़ पाये !
मन में करुणा और दया भर
सदा छात्र पर प्रेम लुटाये,
जो शिक्षा का मोल न समझे
उसे भी धैर्य से समझाये !
आजीविका के योग्य बनाते
भाषा वाणी शुद्ध बनाते,
शिक्षक दिल में रह बच्चों के
जीवन का मर्म समझाते !
उपलब्धि पर सदा शिष्यों की
गर्व सदा शिक्षक को होता
छात्र उन्हें आदर्श मानते
रिश्ता इक अद्भुत बन जाता !