जब अनंत को सांत बनाया
त्रेता युग में प्रकटे थे वह
मर्यादापुरुषोत्तम राम,
युग-युग से भजता आया जग
पावन अतीव मनोहर नाम !
जब अनंत को सांत बनाया
अवतार लिया महाविष्णु ने,
किंतु राम रहे कहाँ सीमित
भारत भू की सीमाओं में !
राम नाम के मधुर जाप ने
सारी दुनिया को गुंजाया,
है हरि अनंत कथा अनंता
युग-युग ने गीत यही गाया !
जन्मस्थल पर सुंदर मन्दिर
स्वप्न आज यह पूर्ण हुआ है,
राम राज्य भी लौटा लाएं
वर्तमान यह माँग रहा है !
हो स्थापना परम मूल्यों की
राजाराम चले थे जिन पर,
दुनिया को शुभ मार्ग दिखाया
आदर्श पुत्र, प्रिय भाई बन !
माँ सीता का नाम सदा ही
राम ने आगे ही लगाया,
सहने पड़े अनेक अपवाद
सदा सत्य को ही अपनाया !