श्रावण की पूनम
गगन पर छाए मेघ
लगे हरियाली के
अंबार
बेला और मोगरे की
सुगंध से सुवासित हुई हवा
आया राखी का
त्योहार गाने लगी फिजां !
भाई-बहन के अजस्र
निर्मल नेह का अजर स्रोत
सावन की जल
धाराओं में ही तो नहीं छुपा है !
श्रावण की पूनम
के आते ही
याद आते हैं
रंग-बिरंगे धागे
कलाइयों की शोभा
बढ़ाते
आरती के शुभ थाल
अक्षत रोली से
सजे भाल
बहनों के दिल से
निकलती अनमोल प्रार्थनाएं
मन्त्रों सी पावन
और गंगा सी विमल भावनाएँ
चन्द्र ग्रहण कर
पायेगा न कम
इस उत्सव की उजास
दिलों में बसा
नेह का प्रकाश
बहन का प्रेम और
विश्वास
भाई द्वारा दिए
रक्षा के आश्वास !