पाया नहीं पार कुछ 
खूब मथा, बिलोया खूब
निकला न सार कुछ 
दूध नहीं पानी था !! 
खूब धुना, काता खूब
निकला न धागा कुछ 
कपास नहीं काठ था !!
खूब ढूँढा खोजा खूब
निकला न माल कुछ 
चाँदी नहीं सीप था !!
खूब डरा उछला खूब
 ना था आधार कुछ 
साँप नहीं रस्सा था !!
खूब चला दौड़ा खूब
गया पर कहीं नहीं 
आत्मा नहीं अहम् था !!
खूब पढ़ा सुना खूब
पाया नहीं पार कुछ 
बुद्धि नहीं मन था !!

वाह
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंसुन्दर
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