आया अगस्त
नव उजास नव आस लिए फिर
नव प्रभात अगस्त ले आया,
त्योहारों का उल्लास लिए
शुभ अष्टम सु-मास यह आया !
रक्षा सूत्र बँधे हाथों में
अंतर प्रीत प्रकट हो इनमें,
अमर अदाह्य अभेद चेतना
सदा अभय ही जाना जिसने !
राम बसे जो रोम रोम में
महिमावान प्रभु पुनः विराजें,
मंगलमय संदेश प्रेम का
छाये, हर दुर्बलता त्यागें !
मोहक मधुर तीज हरियाली
कान्हा का अवतरण दिवस भी,
ध्वज आरोहण लालकिले पर
गणपति का होगा पूजन भी !
कौशल पा सब कर्मशील हों
भारत की सुनीति शुभकारी
श्रद्धा सँग विश्वास पर टिकी,
शिक्षा में भी अब झलकेगी !
सदा रहे चहुँ ओर सुरक्षित
सुंदर रीति नीति अपनाए,
सजग और सतर्क रहकर ही
स्वयं बचे और को बचाए !