विश्वकर्मा पूजा पर ढेरों शुभकामनायें
एक भोर उजास भरी
जिस दिन आएगी भारत में
स्वप्न सृजन का दृग खोलेगा,
कर्मठता का हर अंतर में
एक सघन विश्वास उगेगा !
एक ज्योति आह्लाद भरी
जिस पल जन-जन में छाएगी
कृषक सुखद जीवन जीएगा,
नहीं मरेगा श्रमिक भूख से
औजारों में रब दीखेगा !
एक लहर आह्वान भरी
जिस क्षण छाएगी हर ओर
श्वास-श्वास होगी तब अर्पित,
गीत रचेगा कण-कण, भूमि
सरसेगी युग-युग से वंचित !