जाग गया जो अपने भीतर
भक्ति का मतलब है सीधा
मै तेरा हूँ, तू है मेरा,
जितना, जैसे तू चाहेगा
उतना ही मुझसे पायेगा !
जग में जिसको प्रेम जानते
संदेहों से घिरा ही रहता,
घटता बढ़ता देख वक्त वह
कहाँ एक सा सदा वह रहता !
लेकिन उसने वचन दिया है
बिना शर्त वही अपनाता,
जाग गया जो अपने भीतर
उसी एक से वह मिल जाता !
वह है जैसा, वैसे हैं हम
फिर कैसी खुशी और कैसा गम,
जैसे वह अलिप्त ही रहता
न होने का देता है भ्रम !
जग में जिसको प्रेम जानते
जवाब देंहटाएंसंदेहों से घिरा ही रहता,
घटता बढ़ता देख वक्त वह
कहाँ एक सा सदा वह रहता !
लेकिन उसने वचन दिया है
बिना शर्त वही अपनाता,
जाग गया जो अपने भीतर
उसी एक से वह मिल जाता !
सत्य से परिपूर्ण पोस्ट........बहुत ही सुन्दर ।
सुन्दर!!!
जवाब देंहटाएंना होने का भ्रम भी है..वहीँ होने का अटूट विश्वास भी....
बढ़िया प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें ||