शुरू हुआ मार्च का मार्च
यह नव ऋतु के आगमन का काल है
जब पकड़ ढीली हो गई है जाड़ों की
अंगड़ाई ले रही हैं नई कोंपलें
वृक्षों की डालियों पर
शीत निद्रा से जागने लगे हैं जंतु
जो धरा के गर्भ में सोये थे
खिलने लगे हैं डैफ़ोडिल भी
हज़ारों क़िस्म के फूलों के साथ
आने को है महा शिवरात्रि का पर्व
बढ़ाने महिला दिवस का गौरव
इसी माह को जाता है श्रेय
रमज़ान के आगाज़ का
फिर आएगा झूमता गाता
रंगीन पर्व मदमाती होली का
कहते हैं मंगल से जुड़ा है
गुलाबी रंगत लिए यह महीना
जिसमें आकाश का रंग है नीला
जंगल और हरे हो गये हैं
पक्षी लौटने लगे हैं अपने ठिकानों पर
पता है न, मनाते हैं मार्च में
जल और वन दिवस
कविता व गौरैया दिवस
आनंद और निद्रा दिवस
और तो और
सामान्य शिष्टाचार दिवस भी
कितना कुछ समेटे है अपनी झोली में
मार्च का यह वासंती मास
जो बनाता है इसे ख़ासम ख़ास !
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 03 मार्च 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार यशोदा जी !
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंबहुत सुंदर रचना 🙏
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंबहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
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