चंद ख़्याल
पाया हुआ है सब जो खोजते हैं हम
शब्दों में ज्ञान बसता दिल का था भरम
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जाना हुआ सभी कहता है छोटा मन
कोई कमी नहीं तो फिर क्यों करे जतन
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छोड़ा यहाँ बाँधा वहाँ
मुक्ति से डरता है जहां
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मुश्किलों से डर जो ख़ुदा के द्वार आए
पाए नहीं उसे बस पीड़ा को बढ़ाए
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स्वप्नों में भयभीत हुआ मन
सीमाओं में खुद को बाँधा
कहीं नहीं थी कोई सीमा
जब भी आँख खोल कर देखा
शब्दों में ज्ञान बसता दिल का था भरम
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जाना हुआ सभी कहता है छोटा मन
कोई कमी नहीं तो फिर क्यों करे जतन
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छोड़ा यहाँ बाँधा वहाँ
मुक्ति से डरता है जहां
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मुश्किलों से डर जो ख़ुदा के द्वार आए
पाए नहीं उसे बस पीड़ा को बढ़ाए
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स्वप्नों में भयभीत हुआ मन
सीमाओं में खुद को बाँधा
कहीं नहीं थी कोई सीमा
जब भी आँख खोल कर देखा