गाँधी बाबा
तुम्हारा जीवन ही तुम्हारा संदेश है
‘सत्य ही ईश्वर है’ से ‘ईश्वर सत्य है’ की तुम्हारी यात्रा
कितनी अनोखी है, अप्रतिम, अनिवर्चनीय
अहिंसा के पथ पर चलने वाले हे महामानव !
सारी दुनिया बनी वह प्रयोगशाला जिसमें किये तुमने
न जाने कितने गहन मनन और चिंतन के बाद
सत्य के प्रयोग !
सादा जीवन और स्वच्छता में ईश्वर को देखने वाले
स्वालम्बन का उदाहरण बने स्वयं
अध्यात्म है भारत की आत्मा मानकर यह तथ्य
तुमने धर्म को राजनीति से जोड़ा
साध्य और साधन की पवित्रता को
एक समान बल दिया
संदेश दिया ग्रामीण भारत को
स्वावलम्बन का
पहचान महिला-शक्ति उन्हें स्वतन्त्रता सेनानी बनाया
अछूत प्रथा, नशाबन्दी, दिया खादी को बढ़ावा
बुनियादी शिक्षा में सुधार किया
अनेकानेक क्षेत्रों में तुमने योगदान दिया
सभी पन्थों को समान सम्मान देने वाले
कथनी और करनी में कोई भेद न रहे
इसका ज्वलन्त उदाहरण तुम स्वयं बने
दुर्बल काया के भीतर चट्टान सा दृढ जीवट
और फूल सा कोमल हृदय
मोह लेती है तुम्हारी बाल सुलभ पोपली मुस्कान
बापू ! तुमने आदर्शों की जीया
अनेक बार स्वयं गरल पीया
भारतीयों के अंतर में नई चिंगारी फूंकी
आजादी की अलख जगाई
नमक आंदोलन, सत्याग्रह, भारत छोड़ो
तुमने अनथक समर लड़ा
यात्रायें की, अपमान सहा
मोहना से बापू की तुम्हारी यात्रा भी उतनी ही अनुपम है
तुम्हारे जीवन में
भारत की आत्मा हुई प्रकट है !
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर
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