तुम नाम हो इस क्षण
अभय कर देती है
तुम्हारी मौन वाणी
शक्ति व ऊर्जा से कर आप्लावित
कदमों में संबल भरती
वही हर मुस्कान का स्रोत है
अंधकार से प्रकाश की ओर जाने
की प्रेरणा दे
हर पीड़ा को पल में हर लेती
सुना अमरता का संदेश
जीवन को अर्थ देती है
तुम जीवन के स्रोत हो
शब्द और अर्थ उपजे हैं तुम्हीं से
हर कर्म वहीं से उपजता है
जहाँ से आती है श्वास
जहाँ मिलन होता है
पदार्थ और शक्ति का
अथवा रूप बदलते हैं
दोनों एक-दूजे का
तुम नाम हो इस क्षण
अगले पल रूप धर लेते हो
नाम-रूप से परे होकर भी
इस ब्रह्मांड का सृजन करते हो !
सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
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