बुधवार, फ़रवरी 7

जीवन एक हवा का झोंका

जीवन एक हवा का झोंका 


मधु से मधु भर लें अंतर में 

कुछ रंग चुरा लें कुसुमों से, 

अंबर से नीलापन निर्मल 

गह लें विस्तार दिशाओं से !


मन हो जाये गतिमय नद सा

हरियाली दुनिया में भर दे,  

जीवन एक हवा का झोंका 

बन कर जिसे सुवासित कर दे !


कदमों में विश्वास भरा हो 

हाथों में हो बागडोर भी, 

पलकों में नव स्वप्न भरे हों 

पूर्ण सत्य की इक ज्वाला भी !


अपने पथ पर हो निशंक फिर 

राही कदम बढ़ाता जाये, 

कोई साथ सदा है उसके 

मनहर गीत सुनाता जाये !


उर की गहराई से निकलें 

सच के मोती बिखरें जग में, 

नहीं थमे विकास की धारा 

नहीं दम-खम प्रमाद का चले !


9 टिप्‍पणियां:

  1. कदमों में विश्वास भरा हो

    हाथों में हो बागडोर भी,

    पलकों में नव स्वप्न भरे हों

    पूर्ण सत्य की इक ज्वाला भी !

    जीवन में उत्साह जगाती एक सुंदर सृजन 🙏

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  2. अति सकारात्मक भावों से लबालब सुंदर रचना अनिता जी। ऐसी आशाओं भरी ऊर्जा कभी कम न हो।
    सस्नेह
    सादर।
    ------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. सकारात्मक भाव लिए ... लाजवाब भावपूर्ण रचना ...

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