प्रतिबिम्बित होता वह
हममें
गीत मिलन के गाओगे गर
विरह का दुःख भी कट जायेगा,
उजले दिन की राह तको तो
घोर तमस भी छंट जायेगा !
संदेहों को गले लगाते
दुःख वीणा भी वही बजाते,
उर आशा, विश्वासी अंतर
बाधा पथ की हर ले जाते !
उस प्रियतम की हम छाया हैं
इक-दूजे पर सदा आश्रित,
प्रतिबिम्बित होता वह हममें
हमसे जुड़ने को है बाधित !
जो भेजे संदेशा उस तक
वही लौटकर भी
पायेगा,
क्यों न पाती प्रीत की लिख दें
भीतर कलरव बस जायेगा !
अपने ही भावों में रच दी
उसने जीवन गाथा सबकी,
जो चाहें फिर चुन ले आयें
राग प्रलय का, धुन जीवन की !
बहतरीन, आत्मविश्वास से परिपूर्ण
जवाब देंहटाएंमिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में
जहाँ रचा कालिदास ने महाकाव्य मेघदूत।
बहुत सुन्दर अनीता जी....
जवाब देंहटाएंहैरान हूँ आपकी रचनात्मकता देख.....
एक से बढ़कर एक कवितायें.....
सादर.
प्रीत की पाती पर लिखा संदेशा बड़ा ही खूबसूरत है.. कलरव सी करती कविता..
जवाब देंहटाएंउजले दिन की राह तको तो
जवाब देंहटाएंघोर तमस भी छंट जायेगा !
बहुत सकारात्मक ....
सुंदर अभिव्यक्ति
अपने ही भावों में रच दी
जवाब देंहटाएंउसने जीवन गाथा सबकी,
जो चाहें फिर चुन ले आयें
राग प्रलय का, धुन जीवन की !
....बहुत सार्थक और सकारात्मक भाव...बहुत सुन्दर गहन प्रस्तुति...आभार
राग प्रलय का, धुन जीवन की !
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ख़ूब!
इस राग पर हर धुन सुहाना है
यह ज़िनदगी का सदाबहार गाना है।
आपके ब्लॉग की चर्चा। यहाँ है, कृपया अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएं
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
मिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में
जहाँ रचा गया महाकाव्य मेघदूत।
बहुत सार्थक और सकारात्मक भाव लिए गहन अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंजो भेजे संदेशा उस तक
जवाब देंहटाएंवही लौटकर भी पायेगा,
क्यों न पाती प्रीत की लिख दें
भीतर कलरव बस जायेगा !………………सार्थक संदेश देती सुन्दर रचना।
बहुत ही सुन्दर कविता ।
जवाब देंहटाएंजीवन की धुन से सजा सुंदर गीत.
जवाब देंहटाएंआप सभी सुधी पाठकों का आभार !
जवाब देंहटाएंप्रियतम हो तो फिर घोर तामस ठहर ही नहीं सकता...बहुत ही सुन्दर भाव ..
जवाब देंहटाएं