नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
वाह हमेशा की तरह अत्यंत सुन्दर |
सपनो को लगे पंख उड़ चला मन पाखी मुक्त गगन में बढ़िया पोस्ट
बहुत बढ़िया..
मिला वही उजियारा बनकर -- यही है सार्थकता !
अच्छा लिखा।
अन्तःप्रेरणा ही हमें अँधेरे व उलझनों से बाहर लाती है । सुन्दर
मन पाये विश्राम यहाँ..
bahut sunder......
जिस दिन अंतस में प्रकाश जग जाता है, तम को तो दूर होना ही है..बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति...
आनंद दायक।
वाह हमेशा की तरह अत्यंत सुन्दर |
जवाब देंहटाएंसपनो को लगे पंख उड़ चला मन पाखी मुक्त गगन में बढ़िया पोस्ट
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया..
जवाब देंहटाएंमिला वही उजियारा बनकर -
जवाब देंहटाएं- यही है सार्थकता !
अच्छा लिखा।
जवाब देंहटाएंअन्तःप्रेरणा ही हमें अँधेरे व उलझनों से बाहर लाती है । सुन्दर
जवाब देंहटाएंमन पाये विश्राम यहाँ..
जवाब देंहटाएंbahut sunder......
जवाब देंहटाएंजिस दिन अंतस में प्रकाश जग जाता है, तम को तो दूर होना ही है..बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआनंद दायक।
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