जीवन एक रहस्य ही है
जैसा
चाहो वैसा गढ़ लो
स्वप्नों
को सच भी तुम कर लो,
हर
पल है उपहार अनोखा
हर
पल में ही खुशियाँ भर लो !
पल-पल
देखो सृष्टि बनती
धूल
का कण व तारागण भी,
नन्हा
सा जो पादप कल था
वही
बना विशाल बरगद भी !
जीवन
एक रहस्य ही है
मन
के द्वार खुले ही रखना,
कोई
कब भीतर आ जाये
जाने
किस पल सच हो सपना !
एक
आस यदि टूट भी जाये
मुस्कानों
का साथ न छोड़ो,
बरस
रहा है अविरत बादल
बूंद-बूंद
विश्वास समेटो !
जाने
कितने मधुरिम लम्हे
छिपे
हुए हैं अंतर्मन में,
बिखरा
दो कुछ भी न रख के
साथी
वही बनेंगे पथ में !
हर पल को जीना ही जीवन है...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...आभार
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-12-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2193 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंआभार
स्वागत व आभार कैलाश जी व दिलबाग जी !
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