दूर और पास
दूर से सूरज की आभा में
नीला पर्वत लग रहा था मोहक
और उसके नीचे फैला हरा
मैदान बुला रहा था
पर तपती दोपहरी में
चला नहीं जाता पर्वत पर
और मैदान के कंटक पैरों में चुभते थे
थोड़ी सी दूरी तो चाहिए न
आकर्षण बनाये रखने के लिए
नील नभ पर बादल भले लगते हैं
पर फट कर आंगन में गिर जाएँ तो दुःख देते हैं
बच्चा नहीं जानता वह माँ के निकट है
अलिप्त है सो सुंदर है उनके मध्य बहता प्रेम
ज्यादा निकटता
कुरूपता को जन्म दे सकती है
मान लेना ही काफी है
‘वह’ सदा हमारे साथ है
शायद उससे दूरी ही
उसके प्रति प्रेम को बनाये रखती है !
बहुत ही सुंदर सृजन!
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंबहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन दी।
जवाब देंहटाएंसादर
वाह उदाहरण सहित बता दिया कि अधिक नज़दीकी भी सौंदर्य को कम करती है ।
जवाब देंहटाएंज्यादा निकटता
जवाब देंहटाएंकुरूपता को जन्म दे सकती है
मान लेना ही काफी है
‘वह’ सदा हमारे साथ है
शायद उससे दूरी ही
उसके प्रति प्रेम को बनाये रखती है !
वाह!!!!
क्या बात..।
एकदम सटीक एवं लाजवाब।
सत्य की खोज है शब्दों में ...
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