सफर अब भी वह जारी है
अगर दिल में मुहब्बत हो जहाँ जन्नत की क्यारी है
सुकूं तारी सदा रहता यह ऐसी बेकरारी है I
तेरी नजरों से जब देखा यह दुनिया भा गयी मुझको
तेरे पीछे चले थे हम सफर अब भी वह जारी है I
मेरे दिल का हर इक कोना भरा है तेरी यादों से
जहाँ न साथ तेरा हो ऐसा इक पल भी भारी है I
जमाने की निगाहों से सदा जिसने बचाया है
गमों की धूप में वह नीम सी छाँव प्यारी है I
हजारों ढंग सिखलाये तेरी चाहत ने जीने के
सलीका जिंदगी का देख हमसे मौत हारी है I
अनिता निहालानी
१० मई २०११
"मेरे दिल का हर इक कोना भरा है तेरी यादों से
जवाब देंहटाएंजहाँ न साथ तेरा हो ऐसा इक पल भी भारी है I"
क्या बात कही आपने.बहुत अच्छी लगीं यह पंक्तियाँ.
सादर
वाह!! बहुत उम्दा...आनन्द आ गया.
जवाब देंहटाएंहजारों ढंग सिखलाये तेरी चाहत ने जीने के
जवाब देंहटाएंसलीका जिंदगी का देख हमसे मौत हारी है
दिल से लिखी हुई रचना सीधे दिल में उतरती है। आभार।
जमाने की निगाहों से सदा जिसने बचाया है
जवाब देंहटाएंगमों की धूप में वह नीम सी छाँव प्यारी है I
सुंदर अहसासों की कोमल अभिव्यक्ति।
bahut hi sunder rachna ..
जवाब देंहटाएंAnita ji -aapke vichar aur vicharon ki abhivyakti dono hi lajawab hain ...!!
जमाने की निगाहों से सदा जिसने बचाया है
जवाब देंहटाएंगमों की धूप में वह नीम सी छाँव प्यारी है I
हजारों ढंग सिखलाये तेरी चाहत ने जीने के
सलीका जिंदगी का देख हमसे मौत हारी है I
बहुत सुंदर अनीता जी बेहद खूबसूरत एहसास. जब तक साँसे बाकी है, सफर भी बाकी है.
बढिया प्रस्तुति ...........धन्यवाद जी
जवाब देंहटाएंYe safar jari rahna chahiye.
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तीन भूत और चार चुड़ैलें।!
14 सप्ताह का हो गया ब्लॉग समीक्षा कॉलम।
बहुत गहरे भाव भर दिए आपने इन चंद शब्दों में ...आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब हर शेर उम्दा.......शानदार |
जवाब देंहटाएंमन को छूती है आपकी हर रचना ..आभार
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