जन्म दिवस पर
कैलेंडर ने याद दिलाया
उम्र की सीढ़ी चढ़ते-चढ़ते
एक कदम है और बढ़ाया !
जाकर जब दर्पण में देखा
बीता बरस भी छोड़ गया है
मुखड़े पर इक अपनी रेखा !
नयन मूंद जब भीतर झाँका
वही पुराने बचपन वाले
मुस्काकर उस “मैं” ने ताका !
कल की ही तो बात है जैसे
कॉलेज से जब घर लौटा था
दिए पिता ने फ़ीस के पैसे !
घर से दूरी, विरह का दुःख
भीतर बिलकुल ही ताजा है
नई-नई नौकरी का सुख !
जब नन्हे को हाथ थमाया
कैसे भूलूं वह मुस्कान
वह क्रन्दन भी दिल में समाया !
जाकर जब दर्पण में देखा
जवाब देंहटाएंबीता बरस भी छोड़ गया है
मुखड़े पर इक अपनी रेखा !
जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.....
बहुत सुंदर रचना ....
जीवन कितना ही आगे बढ़ जाये ,बीता वक़्त मन चलचित्र पर चलता ही रहता है ..!!
सुन्दर प्रस्तुति सुन्दर भाव अभिव्यक्ति अनिता जी .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति सुन्दर भाव......जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.....
जवाब देंहटाएंजन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंजन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.....!
देर से आने की माफ़ी.........आपने खुल कर नहीं बताया जन्मदिवस किसका है....... पर जिसका भी है मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंइमरान जी, आपने पूछ ही लिया है तो मैं आज आपका परिचय अपने परिवार से कराती हूँ, एक पुत्र है जिसके जन्मदिन पर जुलाई में आप बधाई दे चुके हैं, अब किसका हो सकता है बिल्कुल खुले दिन की तरह स्पष्ट है...
जवाब देंहटाएंओ ! आपका है . मेरी बधाइयाँ भी स्वीकार करें. बहुत-बहुत शुभकामना.
जवाब देंहटाएंमेरे जन्मदिन की बधाई आप मई में दे चुकी हैं.. अब तो बताना ही पडेगा कि हमारे उनका जन्म दिन है..
जवाब देंहटाएंजन्म दिन मुबारक ....... सुन्दर अभिव्यक्ति लिए ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी /
आपने बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ अपने 'उनको' जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं....
जवाब देंहटाएं//सादर बधाई//
सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति... ....
जवाब देंहटाएंजन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.....
आपकी पोस्ट आज चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई ,
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच