आजादी की शमा जब जली लहराती
तिरंगा सुनाता है अपनी कहानी
राजा है इसमें न ही कोई रानी,
शहीदों के खूं से लिखी यह गयी है
हजारों की इसमें छुपी क़ुरबानी !
गुलामी का दर्द भयानक बड़ा था
घुट घुट के जीते थे शासन कड़ा था,
आजादी की शमा जब जली लहराती
तिरंगा अम्बर में ऊँचा उड़ा था !
बापू ने इसमें भरे रंग प्यारे
चरखा बना चक्र, कई संदेश धारे,
बढ़ते चलें तोड़ बाधायें पथ की
मंजिल सदा देती, आशा पुकारे !
केसरिया सुनाये साहस की गाथा
हरियाला भारत सुख सपने सजाता,
सच्चाई, शांति का संदेशा देकर
तिरंगा दिलों में आकांक्षा जगाता !
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