सोमवार, नवंबर 6

दिवाली आयी लिए ख़ुशियाँ

दीपावली और भाईदूज पर 

हार्दिक शुभकामनायें 

घर-बाहर निर्मल प्रकाश मय 

दिप-दिप दीप जलें हर आँगन, 

स्वच्छ चमकता हो हर कोना 

भर जायें  ख़ुशियाँ हर दामन !


द्वार सजा हो रंगोली से 

दीपक जलते हों चौबारे, 

दिवाली आयी लिए ख़ुशियाँ 

जगमग करतीं हो दीवारें !


रहे धरा पर नहीं तमस अब 

माँ लक्ष्मी का लगेगा फेरा, 

जहां सरसता हो जीवन में 

वहीं लगायेंगी वह डेरा !


जहाँ बँटे हर भाव ह्रदय का

 शेष रहे जब शून्य कृपणता,

अनजाने नहीं पथ रह जायें

बिखरे प्रेम सुरभि के जैसा !

 

पर्व अनोखा ले आता फिर 

भाईदूज- प्रीत का बंधन, 

केसर, अक्षत, रोली टीका 

या मस्तक पर महके चंदन !


जीवन पथ हो सदा प्रकाशित 

यही कामना करता है उर, 

आरोग्य का पाएँ वरदान 

 दूर रहे दुख अंधकार हर !



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