शुक्रवार, अगस्त 18

वर्तमान भविष्य के हाथों में

वर्तमान भविष्य के हाथों में

नवजात शिशु की पकड़ भी 

कितनी मज़बूत है 

मुट्ठी में अंगुली थमाकर देखती है माँ   

 जकड़ लेता है 

दृढ़ता से

मुस्कान थिर है 

नींद में भी उसकी

माँ को लगता है 

जैसे वर्तमान ने 

भविष्य के हाथों में 

स्वयं को सौंप दिया हो ! 


8 टिप्‍पणियां:

  1. आप ने लिखा.....
    हमने पड़ा.....
    इसे सभी पड़े......
    इस लिये आप की रचना......
    दिनांक 20/08/2023 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की जा रही है.....
    इस प्रस्तुति में.....
    आप भी सादर आमंत्रित है......


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  2. नवजात शिशु की पकड़ भी
    कितनी मज़बूत है
    सच में सही लिखा है
    आभार
    सादर

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  3. वाह! अनीता जी ,बहुत खूबसूरत सृजन..वर्तमान नें भविष्य के हाथों में स्वयं को सौंप दिया हो ..वाह!!

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