बुधवार, अक्टूबर 1

देवी माँ

देवी माँ 


अनोखी हैं 

देवी की कथाएँ 

हर तर्क से परे 

मन को विस्मय से भर देने वाली !


देवी के मंत्र विचित्र हैं 

हर अर्थ से परे 

मन को ठहरा देने वाले !


हर कथा हर मंत्र का 

कहीं यही तो लक्ष्य नहीं 

मन को शांत कर देना !


न निर्णय ले  

न संदेह से भरे 

बस थम जाये 

और पहुँच जाये उस अनंत में 

जो आधार है सृष्टि का !


देवी शिव से मिलाती हैं 

ऊर्जा जगाकर 

ज्योति में ले जाती हैं !


सुख, आनंद, ज्ञान 

और प्रेम रूपिणी 

शक्ति स्वरूपा माँ पावन शांति का 

अनंत स्रोत हैं ! 



10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 2 अक्टूबर 2025 को लिंक की जाएगी है....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. भगवती के आँचल की छाँव से बड़ा सुख दूजा न

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  3. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. देवी के मंत्र और कथाएँ सिर्फ ज्ञान या तर्क की बातें नहीं बल्कि सीधे मन को ठहरा देती हैं। जैसे हर शब्द में एक अद्भुत ऊर्जा है जो भीतर से आपको जोड़ देती है अनंत से। मुझे यह भी अच्छा लगा कि कविता में देवी और शिव की जो ऊर्जा दिखाई गई है, वह सुख, आनंद और प्रेम से भर देती है।

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