शुभ दीपावली
दीप जले आशा के
अंतर अभिलाषा के,
जगमग यह जगत हुआ
भेद मिटे भाषा के !
ख़ुशियों की लड़ियों में
रंगीं फुलझड़ियों में,
दिल ही ज्यों फूट रहा
दीयों की कड़ियों में !
मीठी मुस्कानों का
मीठा सा स्वाद है,
आँगन में रंगोली
उर में बसी याद है !
मर्यादा पुरुषोत्तम
लक्ष्मी-गणराया की,
दीवाली मंगलमय
सर्वदा हो आपकी !
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शुभ दीपावली !
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंशुभ हो दीप पर्व
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति! शुभ दीपावली!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शुक्रवार 24 अक्टूबर 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर रचना
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