तुम्हारे लिये 
तन हैं चाहे दूर आज पर 
मन अपने हैं घुले-मिले, 
अंतर में इक तार जुड़ी है 
तभी तो हम हैं खिले-खिले ! 
वर्षों पहले तुमने ही तो 
लगन लगाई थी भीतर,
जीवन पथ पर सँग चले हम 
तय होकर आया था ऊपर ! 
तुमने ही तो रंग भरे हैं 
स्वप्न सजे मेरी आँखों में, 
ले पाए लंबी उड़ान हम 
जोश भरा मेरी पांखों में ! 
जो भी दिया प्रेम ही माना 
झुंझलाहट भी थी उपहार, 
प्रिय का हो, सब कुछ भाता है 
गुस्सा हो या खालिस प्यार ! 
प्रेम खुदाई, प्रेम ही पूजा 
यही दुआ, सब अनुभव कर लें, 
अर्थ यही है इस बंधन का 
इसी भाव को संभव कर लें ! 
एक नया जीवन जब धारा 
नया उजाला घर में छाया, 
मिले उसे भी कोई अपना 
स्वप्न यही अब दिल में समाया ! 

Beautiful ,so loving expression!
जवाब देंहटाएंWish you many happy returns of the day .
Rosy vivek
Ananya ,Lavanya.
शादी की सालगिरह बहुत-बहुत मुबारक हो .
जवाब देंहटाएंप्रेम खुदाई, प्रेम ही पूजा
जवाब देंहटाएंयही दुआ, सब अनुभव कर लें,
अर्थ यही है इस बंधन का
इसी भाव को संभव कर लें !...shubhkamnayen
वैवाहिक वर्षगाँठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंप्रेम पगी..
शुभकामनाये विवाह वर्षगाँठ की...
:-)
प्रेम का सुन्दर वर्णन करती ये पंक्तियाँ लाजवाब है.......बहुत बहुत बधाई शादी की वर्षगाँठ पर |
जवाब देंहटाएंक्षमा करें कुछ व्यस्तता रही समय पर विवाह के वर्षगाँठ पर बधाई नहीं दे सकी अब दे रही हूँ ....!!बहुत बहुत शुभकामनायें आप दोनों को ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना से अलंकृत की है ...वर्षगांठ ...!!
!!! हार्दिक शुभकामनाएँ !!!
जवाब देंहटाएं