गणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें !
तिरंगा सुनाता है अपनी कहानी
राजा है इसमें न ही कोई रानी,
शहीदों के खूं से लिखी यह गयी है
हजारों की इसमें छुपी क़ुरबानी !
गुलामी का दर्द भयानक बड़ा था
घुट घुट के जीते थे शासन कड़ा था,
आजादी की शमा जब जली लहराती
तिरंगा गगन में ऊँचा उड़ा था !
बापू ने इसमें भरे रंग प्यारे
चरखा बना चक्र, संदेश धारे,
बढ़ते चलें तोड़ बाधायें पथ की
मंजिल सदा दे, आशा पुकारे !
केसरिया सुनाये साहस की गाथा
हरियाला भारत स्वप्न सजाता,
सच्चाई, शांति का संदेशा देकर
तिरंगा दिलों में आकांक्षा जगाता !
बहुत सुन्दर...गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआपके बाक़ी दोब्लॉगों से होते हुए यहां तक पहुंचा हूं। कितनी वेरायटी है आपकी रचनात्मकता में। नमन है आपके श्रम और आपकी लेखनी को!
जवाब देंहटाएंतिरंगा सुनाता है अपनी कहानी
जवाब देंहटाएंराजा है इसमें न ही कोई रानी,
शहीदों के खूं से लिखी यह गयी है
हजारों की इसमें छुपी क़ुरबानी !
बहुत सुन्दर रचना... आप को भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें...
सुन्दर कविता के लिये बधाई एवं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंकिन्तु कुछ अनुत्तरित प्रश्न भी हैं। जिसका हल हम सबको खोजना होगा।
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क्या यही गणतंत्र है
सुन्दर रचना.
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