गीत समर्पण का गाते हैं
पुलक भरे जब अपने उर में
साँझ ढले झर जाते हैं,
सँग हवा के इक झोंके पर
झूम झूम इठलाते हैं !
मनहर, कोमल, पुष्प धरा पर
गीत समर्पण का गाते हैं !
लय और गति के सँग बंधे
निज कक्षा में रह सिमटे,
जाने किस अनादि काल से
मंद मंद मुस्काते हैं !
चाँद सितारे ऊपर नभ में
गीत समर्पण का गाते हैं !
समर्पण में पूर्णत्व है |
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंसमर्पण में कभी कभी बड़ा सुख है...
सुन्दर गीत.
चाँद सितारों के समर्पित गीत अच्छे लगे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर समर्पण गीत लिखा भाव मयी...आभार...
जवाब देंहटाएंवाह ..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत.....
जवाब देंहटाएंइमरान, रश्मि जी, विद्या जी, संगीता जी, संगीता जी, सुषमा जी, आप सभी का आभार !
हटाएंसुन्दर गीत ..समर्पित हुआ मन..
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