रास्ते हैं, यह बहुत है
मंज़िलें हों दूर कितनीं
मंज़िलें हैं, यह बहुत है,
चल पड़े हैं ग़म नहीं अब
रास्ते हैं, यह बहुत है !
पथ कँटीला पाँव हारे
जोश दिल में, यह बहुत है,
नज़र न आए तो क्या है
साथ है तू, यह बहुत है !
इक अनोखी चीज़ दुनिया
जश्न मनते, यह बहुत है,
कब किसी की हुईं पूरी
चाहतें हैं, यह बहुत है !
उम्र केवल एक गिनती
बचपन जवाँ, यह बहुत है,
अजनबी कोई नहीं अब
तू यहीं है, यह बहुत है !