माँ
दी शिक्षा, अक्षर ज्ञान दिया
ममता का पाठ पढ़ाया भी,
दुनियादारी के सूत्र दिए
हाथों का हुनर सिखाया भी !
तारीफों का इक ताज दिया
ना दोष कभी देखा कोई,
सुख की बरसात सदा ही की
माँ बच्चे के दुःख पर रोई !
हों अवगुण कई, मानवी है
माँ की ममता निर्दोष सदा,
जीवन में साथ निभाती है
सँग जीवन के भी बाद सदा !
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंमाँ की ममता का सुन्दर चित्रण।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंआभार !
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