सोमवार, अप्रैल 20

कौन हैं वह

कौन हैं वह 

सिंह जैसा शौर्य पाया है 
माँ जैसी करुणा अंतर में, 
 धैर्य धरे दृढ चट्टानों सा
प्रामाणिकता है शब्दों में ! 

अन्याय कभी सहन न होता  
दीनों की रक्षा हित आए,
सारे जग में डंका बजता
दोष शत्रु भी ढूंढ न पाए !

जन-जन को आधार दिया है 
भारत का सम्मान बढ़ाया,
लेने पड़े कठोर निर्णय पर 
मस्तक पर इक बल न आया !

कर्मठ जैसे वीर योद्धा
प्रहरी सजग समर्पित सेवक, 
कौन बखाने व्यक्तित्व महान 
निज स्वार्थ को आये तजकर !

उर में जग कल्याण भावना 
सारा जग ही लोहा माने, 
आशा भरी हुई नजरों से 
जैसे उनकी ओर निहारे !



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