गुरुवार, अक्तूबर 24

जीवन यही तो माँगता

जीवन यही तो माँगता


हम कौन हैं ? यह याद है ?

गर याद,  दिल आबाद है 

आबाद है इक ख़्वाब से 

मंज़िल यहीं, इस बात से  !

 

 है याद? हमको क्या मिला?

गर याद है तो क्या गिला !

पग धरने को धरती मिली 

उड़ने को आसमां मिला !


साँसे मिलीं, इक मन मिला 

 मन में बसा प्रियतम मिला, 

 यह याद है ? क्या भेंट दी 

गर याद है तो क्या किया ? 


माँगा सदा चाहा सदा 

सिमटा ह्रदय बाँटा कहाँ,

जो पास अपने गर लुटा 

रोशन रहे दिल का जहाँ  !


सुख-चैन बरसेगा अगर 

चलता रहे दिन-रात बस 

हम कौन?हमको क्या मिला? 

से क्या दिया? का सिलसिला !


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